22 अप्रैल को मनाया जाने वाला अर्थ डे पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करता एक वार्षिक कार्यक्रम है। 1970 में आधुनिक पर्यावरण आंदोलन के रूप में मनाया गया ये दिन हर साल लगभग 190 से ज्यादा देश और 1 अरब से ज्यादा लोगों को प्रेरित करता आ रहा है।
1970 से पहले आधुनिकता व विकास की दौड़ में समाज इतना पागल था कि पर्यावरण और साथ साथ पृथ्वी का विनाश उसे नज़र ही नही आ रहा था।ऑटोमोबाइल्स में लेड जैसी गैस का प्रयोग, कारखानों से निकलता धुँआ और गंदगी, सब जैसे विकास की निशानी बन गए थे। पर फिर ऐसी कुछ घटनाएं सामने आई जिस ने इंसानो को आईना दिखा दिया। अर्थ डे के इतिहास में इन घटनाओं को इसकी शुरुआत का कारण माना जाता है, पर ये कारण रही हो या नहीं, इन घटनाओं ने लोगों के आगे हो रहे विकास को ले कर काफी प्रश्न खड़े कर दिए जिनका जवाब देना मुमकिन नहीं था।
तो ऐसी कौन सी घटनाएं थी, जिन्होंने पर्यावरण के लिए लोगों में नया नज़रिया पैदा किया। आइये जानते है:-
सितंबर 1962: ‘साइलेंट स्प्रिंग’ का प्रकाशन
1962 में, रेचल कार्सन (Rachel Carson) की “साइलेंट स्प्रिंग” ने लोगों के बीच में हलचल पैदा की। इस किताब ने ना केवल पर्यावरण बल्कि लोगों में कीटनाशक, जैसे DDT के दुष्प्रभावों के बारे में बात की।पर्यावरण और समाज से जुड़ें ऐसे बहुत से मुद्दे थे जिनका रहस्य इस किताब ने बेनकाब किया। हालाँकि रासायनिक उद्योग ने इसकी काफी आलोचना की पर शायद इस किताब का असर था कि पहली पर्यावरण संरक्षण एजेंसी का निर्माण हुआ और दुनिया में पर्यावरण को ले कर अब तक का सब से बड़ा आंदोलन देखा गया।
जनवरी 1969: सांता बारबरा तेल रिसाव
28 जनवरी 1969 को कैलिफ़ोर्निया में दुनिया का सब से बड़ा और खतरनाक प्राकृतिक नुक्सान देखा गया जब सांता बारबरा के तट पर एक तेल के कुएं से ड्रिलिंग मिट्टी और गैस का विस्फोट हुआ। इस विस्फोट के कारण लगभग 3 मिलियन गैलन कच्चा तेल प्रशांत महासागर में फ़ैल गया जिस के वजह से हज़ारों की तादाद में महासागर और समुद्र तट पर वन्यजीवन का नुक्सान हुआ। ये रिसाव लगभग 800 वर्ग मील महासागर तक पहुँच कर, समुद्री मछलियों और वहां की जैव विविधिता को मारता हुआ नजर आया। उस वक़्त इस तरह की आपदाओं के लिए कोई सरकारी नियम नहीं थे, जिसके कारण उस समय यू.एस. के इतिहास में ये सबसे बड़ा तेल रिसाव हुआ। इस घटना ने लोगों की आँखों पर लगा पर्दा हटा दिया और कांग्रेस के सदस्यों को अप्रैल 1970 में पहला पृथ्वी दिवस स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।
इन घटनाओं के कारण यू.एस. में पर्यावरण नुक्सान की सच्चाई जब उठ कर आई तो आंदोलन का सिलसिला शुरू हुआ। गेलोर नेल्सन ने 1970 में एक जन आंदोलन की शुरुवात की जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूल और कॉलेज के बच्चों को पर्यवरण के लिए शिक्षित करना था पर 22 अप्रैल 1970 में दुनिया ने पर्यावरण को ले कर सब से बड़ा आंदोलन देखा जिस में ना केवल बच्चे बल्कि यू.एस. की लगभग दस प्रतिशत की आबादी ने हिस्सा लिया। 1990 तक ये आंदोलन 100 से ज्यादा देशों में फैल गया। तब से ले कर हर साल 22 अप्रैल को अर्थ डे के रूप में मनाया जाता है जिस में 190 से ज्यादा देश प्रतिभाग करते है।
2022 में ये आंदोलन अपने 52 साल पूरे कर लेगा पर इसका मुख्य उद्देश्य हमेशा एक ही रहा है। अर्थ डे केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं है बल्कि ये एक ज़रिया है कि हम हर दिन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करें।