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इतिहास के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलन की कहानी, आखिर कैसे हुई EARTH DAY की शुरुआत
22 अप्रैल को मनाया जाने वाला अर्थ डे पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करता एक वार्षिक कार्यक्रम है। 1970 में आधुनिक पर्यावरण आंदोलन के रूप में मनाया गया ये दिन हर साल लगभग 190 से ज्यादा देश और 1 अरब से ज्यादा लोगों को प्रेरित करता आ रहा है।1970 से पहले आधुनिकता व विकास की…
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संवेदनाओं से थोड़ा दूर, पर जमीनी हकीकत के बहुत करीब: लखवार ब्यासी जलविद्युत परियोजना।
यूँ तो पहाड़ी राज्य उत्तारखण्ड में कई परियोजनाओं ने पाँव पसेरे पर बांध निर्माण जैसी त्रासदी शायद ही कोई परियोजना ने उत्तारखण्ड वासियों को दी हो।सालों पहले एक जख्म था, जिस में हँसती खेलती टिहरी, वहाँ के घर, चहचहाते आँगन सब जल समाधी ले बैठे और लोग अपनी पैतृक विरासत को आँखों में बसाए वहां…
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महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी रानीबाग की प्रीती रिंवी, “बुआ जी मशरुम” से कमाया नाम|
अगर कुछ अच्छा करने का जुनून हो, प्रेम से भरा जज़्बा हो और परोपकार के लिए हौसला हों, आत्मीयता के साथ आगे बढ़ने की पवित्र भावना हो तो ईश्वर किसी ना किसी रूप में अवश्य हमारे साथ होते हैं और बंद दिखलाई पड़ते दरवाजे भी अपने आप खुलते चले जाते हैं।” उपर्युक्त कथन को शत…
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पिथौरागढ़ के किसान का कमाल: गाँव की बंजर भूमि को बदला विश्व प्रसिद्ध चाय बागानों में।
हिमालयी क्षेत्र खेती और भूमि उपयोग काम के लिए बहुत संवेदनशील क्षेत्र है। इन हिमालयी क्षेत्रों में बंजर भूमि का बढ़ना यहाँ की सबसे बड़ी समस्या है। जबकि दूसरी ओर इन पहाड़ी क्षेत्रों में बहुत अधिक बेरोजगारी और पलायन है।यही कारण है कि पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय होने के बावजूद भी उत्तराखंड ने अपने…
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उत्तराखंड के वन्य जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य को मिली राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान।
यूँ तो पहाड़ी राज्य उत्तराखंड दुनिया भर में अपनी सुंदरता के लिए विख्यात है। इस कारण वो साल भर पर्यटकों की पहली पसंद बना रहता है। उत्तराखंड के पहाड़, यहाँ की वनस्पति और वन्य जीवन हमेशा से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते है। हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में झीलों…
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गाँव से राष्ट्रपति भवन तक पर्यावरण प्रेम की महक पहुँचाती “तुलसी गौड़ा”।
साल 2020 में पद्मश्री विजेताओं का नाम काफी चर्चित रहा। इस चर्चा में एक विशेष आकर्षण रेड कारपेट में एक सादी सी साड़ी पहने, नंगे पाँव राष्ट्रपति तक पुरुस्कार ग्रहण करने जाती एक आदिवासी महिला भी रही, जिनका नाम था ” तुलसी गौड़ा”। तो आखिर कौन है सोशल मीडिया में तारीफ बटोर रही ये आदिवासी…