Category: Environment
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पहाड़ी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े, क्या सच में विलुप्त हो जायेंगे पहाड़ी धारे? जानिए क्या कहती है रिपोर्ट
पहाड़ों को पहाड़ों से भी ज्यादा सुन्दर बनाते है, जो बस बहते चले जाते है, यहाँ के “धारे”। हिमालय में मन बांध लेने वाले दृश्य और इस दृश्य पर चार चाँद लगाते हैं, यहाँ के “धारे”।ये धारे उत्तराखंड की आबादी के लिए स्वच्छ जल का स्त्रोत है। या यूँ कहें कि ये धारे हिमालय की…
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उत्तराखंड, अस्कोट कस्तूरी मृग सैंक्चुअरी को इको-सेंसिटिव जोन बनाने का ऐलान
अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के एक छोटे से गांव में स्थित है। इसे कस्तूरी मृग पार्क के रूप में भी जाना जाता है। इस पार्क की स्थापना वर्ष 1986 में लुप्तप्राय कस्तूरी मृग (उत्तराखंड के राज्य पशु) और इसके आवास की रक्षा के उद्देश्य से की गई थी। अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य 1600…
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कड़कड़ाती ठंड, तेज़ गर्मी या भारी वर्षा, इस बार “ला नीना” का भारत पर क्या प्रभाव रहेगा?
लंबे समय तक चलने वाले मानसून के बाद भारत में इस साल सर्दी की शुरुवात बहुत जल्दी हुई है, जिसका पहला सबूत 11 अक्टूबर को लद्दाख, जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में शुरुआती बर्फबारी और 25 अक्टूबर को लेह, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी से आया है। हालांकि बर्फबारी इन क्षेत्रों…
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देश की सब से बड़ी सुरभि वाटिका का घर बना उत्तराखंड
यूँ तो उत्तराखंड राज्य अपने वनस्पति और जीवों के लिए देश भर में मशहूर है। पर आज कल ये राज्य इन सब के संरक्षण में एक अमिट प्रभाव विकसित कर रहा है।हाल ही में उत्तरखंड के नैनीताल जिले में देश की सब से बड़ी सुरभि वाटिका (Aromatic garden) का उद्घाटन हुआ है।लगभग 140 सुगंधित पौधों…
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पृथ्वी का बदलता वैश्विक कार्बन बजट !
महासागर, जंगल, मिट्टी और वायुमंडल विश्व के प्राकृतिक कार्बन सिंक हैं। वे क्षेत्र जो उत्सर्जन से अधिक कार्बन सोखते हैं, कार्बन सिंक कहलाते हैं। ये प्राकृतिक संसाधन पृथ्वी के कार्बन बजट को बनाए रखते हैं और हमारी जलवायु को स्थिर रखते हैं। विश्व के जंगल हर साल लगभग 2.6 बिलियन टन कार्बन सोखते हैं, लेकिन…
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आईपीसीसी रिपोर्ट 2040 तक मजबूत जलवायु जोखिम की भविष्यवाणी
जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल IPCC संयुक्त राष्ट्र में जलवायु विज्ञान विभाग का एक हिस्सा है जिसकी स्थापना 1988 में हुई थी। यह पैनल नीति निर्माताओं को जलवायु परिवर्तन, इसके प्रभाव और संभावित भविष्य के जोखिमों पर नियमित वैज्ञानिक आकलन प्रदान करता है। IPCC ने अपनी पहली रिपोर्ट वर्ष 1990 में जारी की थी।…
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पवित्र गंगा का राज, पानी में क्यों नहीं पनप पाता है बैक्टीरिया
पर्यावरण बोधी:गंगा नदी धरती पर माँ गंगा का अवतार मानी गयी है जिन्होंने धरती पर सर्वप्रथम कपिल मुनि के श्राप से भस्म भागीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया था। हिन्दू सभ्यता और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हम ये सुनते आये है कि गंगा का जल पवित्र होता है। ये माना जाता है कि गंगा स्नान…