गांव से ग्लोबल तक कार्यक्रम में होमस्टे चलाने वालों से मुख्यमंत्री का सीधा संवाद। इस योजना से जुड़े लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे

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देहरादून – राज्य में होम स्टे चला रहे लोंगो से सीएम धामी ने सीधा संवाद किया। गांव से ग्लोबल तक एक कार्यक्रम में राज्य भर से आए होम स्टे संचालकों से सीएम धामी ने संवाद कर उनकी उपलब्धी और समस्याओं को समझने की कोशिश की।
गांव से ग्लोबल तक के इस कार्यक्रम में होम स्टे चला रहे मालिकों ने सीएम धामी से अपने अनुभव साझा किए साथ ही कुछ सुझाव में दिए।
होम स्टे संचालक सरकार की इस दूरदर्शी योजना की खुलकर सराहना करते दिखे…संचलाकों का मानना है कि ऐसे योजना से हमें स्वाबलंबी बनने का अवसर मिला…साथ राज्य की पर्यटन से सीधे तौर पर जुड़ने का अवसर मिला..
दरअसल सीएम धामी ने राज्य में पर्यटन को बढावा देने और रोजगार पैदा करने के उद्दयेश से होम स्टे योजना शुरू की और इस योजना को शुरू करने के लिए अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जाती है…सीएम धामी समय समय पर इस योजना का खुद से समीक्षा भी करते रहते हैं
इस योजना से सबसे ज्यादा राज्य के युवा जुड़ रहे हैं…गांव में खाली पड़े घरों को होम स्टे में बदलकर टूरिस्टों को आकर्षित कर रहै हैं
इस योजना से महिलाएं भी बड़ी संख्यां में जुड़कर अपना रोजगार खड़ा कर रही हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं…गढवाल और कुमाऊं क्षेत्र में महिलाएं गांव में ही खाली पड़े घरों को शानदार होटल के रुप देकर होम स्टे चला रही हैं और टूरिस्ट बड़ी संख्यां में वहां पहुंच भी रहे हैं…उदाहरण के तौर पर उत्तरकाशी का मथौली गांव होम स्टे को लेकर आजकल सुर्खियों में है.. यहां कि महिलाएं शानदार तरीके से होम स्टे चला रही है और बड़ी संख्यां में टूरिस्टों को आकर्षित कर रहा इनकी हॉसपिटेल्टी
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पांच हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड होम स्टे हैं ..सीएम धामी ने आज हो स्टे मालिकों से बातचीत कर उन्हें भरोसा दिलाया कि हम इस दिशा तेजी से बढ रहे हैं और उनकी सरकार सभी के दिए सुझावों पर जल्द अमल करेगी और सरकार से ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले होमस्टे संचालकों को उसी भी भरपूर कोशिश की जाएगी..सीएम धामी का मानना है कि उत्तराखंड में होमस्टे आज न केवल पर्यटन का नया चेहरा बन रहा है, बल्कि ग्राम विकास, महिला सशक्तिकरण, युवा रोजगार और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक आदर्श राज्य के रूप में उभर रहा है।

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