Mindblown: a blog about philosophy.
-
गाँव से राष्ट्रपति भवन तक पर्यावरण प्रेम की महक पहुँचाती “तुलसी गौड़ा”।
साल 2020 में पद्मश्री विजेताओं का नाम काफी चर्चित रहा। इस चर्चा में एक विशेष आकर्षण रेड कारपेट में एक सादी सी साड़ी पहने, नंगे पाँव राष्ट्रपति तक पुरुस्कार ग्रहण करने जाती एक आदिवासी महिला भी रही, जिनका नाम था ” तुलसी गौड़ा”। तो आखिर कौन है सोशल मीडिया में तारीफ बटोर रही ये आदिवासी…
-
कड़कड़ाती ठंड, तेज़ गर्मी या भारी वर्षा, इस बार “ला नीना” का भारत पर क्या प्रभाव रहेगा?
लंबे समय तक चलने वाले मानसून के बाद भारत में इस साल सर्दी की शुरुवात बहुत जल्दी हुई है, जिसका पहला सबूत 11 अक्टूबर को लद्दाख, जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में शुरुआती बर्फबारी और 25 अक्टूबर को लेह, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी से आया है। हालांकि बर्फबारी इन क्षेत्रों…
-
देश की सब से बड़ी सुरभि वाटिका का घर बना उत्तराखंड
यूँ तो उत्तराखंड राज्य अपने वनस्पति और जीवों के लिए देश भर में मशहूर है। पर आज कल ये राज्य इन सब के संरक्षण में एक अमिट प्रभाव विकसित कर रहा है।हाल ही में उत्तरखंड के नैनीताल जिले में देश की सब से बड़ी सुरभि वाटिका (Aromatic garden) का उद्घाटन हुआ है।लगभग 140 सुगंधित पौधों…
-
“बॉर्न टू बी वाइल्ड” कहे जाने वाले इन पक्षियों को क्यों है संरक्षण की जरूरत
1980 में जहाँ भारत लगभग 40 मिलियन गिद्धों का घर था, 1990 के दशक की शुरुवात में ही इस जनसंख्या में 97% की गिरावट देखी गई, और भारतीय गिद्ध गंभीर रूप से संकटग्रस्त हो गए। शुरुआती दौर में शोधकर्ता इस शानदार जानवर की मौत के कारणों का पता नहीं लगा पाए। गिद्धों के अधिकांश शवों…
-
विलुप्त होने के कगार पर व्हाइट-बेलिड हेरॉन !
-
पृथ्वी का बदलता वैश्विक कार्बन बजट !
महासागर, जंगल, मिट्टी और वायुमंडल विश्व के प्राकृतिक कार्बन सिंक हैं। वे क्षेत्र जो उत्सर्जन से अधिक कार्बन सोखते हैं, कार्बन सिंक कहलाते हैं। ये प्राकृतिक संसाधन पृथ्वी के कार्बन बजट को बनाए रखते हैं और हमारी जलवायु को स्थिर रखते हैं। विश्व के जंगल हर साल लगभग 2.6 बिलियन टन कार्बन सोखते हैं, लेकिन…
-
क्या अपने ही स्थान से विलुप्त हो जाएंगी भारत की स्थानीय मधुमक्खियां ?
भारत दुनिया में शहद के बड़े उत्पादकों में से एक है। बड़ा उत्पादक होने के बावजूद भी ये देश अपनी ही देशी मधुमक्खी प्रजाति के लिए खतरे का सामना कर रहा है। भारत के अधिकतर मधुमक्खी पालन छेत्रों में आज विदेशी यूरोपीय प्रजाति हावी है, जो साफ़ साफ़ देशी मधुमक्खियों के पालन और इकोलॉजी को…
-
आईपीसीसी रिपोर्ट 2040 तक मजबूत जलवायु जोखिम की भविष्यवाणी
जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल IPCC संयुक्त राष्ट्र में जलवायु विज्ञान विभाग का एक हिस्सा है जिसकी स्थापना 1988 में हुई थी। यह पैनल नीति निर्माताओं को जलवायु परिवर्तन, इसके प्रभाव और संभावित भविष्य के जोखिमों पर नियमित वैज्ञानिक आकलन प्रदान करता है। IPCC ने अपनी पहली रिपोर्ट वर्ष 1990 में जारी की थी।…
-
असम में खोजी गई साँप की नई प्रजाति
भारतीय वन्य जीवन हमेशा अजूबों और आकर्षण से भरी एक दुनिया रही है। ऐसा ही एक अजूबा हाल ही में उत्तर पूर्वी राज्य असम में देखने को मिला है जहाँ वैज्ञानिकों की एक टीम ने साँप की नई प्रजाति खोज निकाली है। इस खोज की खबर सबसे पहले न्यूज़ीलैण्ड के ज़ूटाक्सा के हाल के संस्करण…
Got any book recommendations?